Tuesday, October 11, 2016

"कालाधन,रामधन ,श्यामधन इत्यादि"

कालेधन वालों से कहा जा रहा है कि वे स्वेच्छा से अपने कालेधन को उजागर कर दें ।वित्तमंत्री ने ३० सितम्बर की तारीख भी सुनिश्चित कर दी है |सितम्बर नजदीक आ रहा है | लोगों में उहापोह मची है ।क्या करें , उजागर करें कि पड़ा रहने दें ।इत्ते दिन से भी तो पड़ा है ,आज तक तो कुछ हुआ नहीं । जिनके पास कालाधन या किसी भी प्रकार का धन नहीं है वे प्रसन्न हो रहे हैं कि चलो अपने को कुछ नहीं करना ।जब है ही नहीं तो क्या करना है ।
मेरे पड़ोस में रामधन जी रहते हैं मैंने एक दिन उनसे पूछा कि तुम्हारे पास काला धन वगैरह तो नहीं है ! ,हो तो जाकर आयकर वालों को बता दो नहीं तो बाद में लेने के देने पड़ जायेंगे ।वे बोले भैया सरकारी मामला है इसलिए , लेने की तो छोडो देने ही पड़ेंगे | लेकिन अपने पास सिर्फ संतोष धन है जो सरकार के किसी काम का नहीं है | इसकी खासियत यह है कि इसके मिलने पर सारे धन धूल समान हो जाते हैं ।कहते हैं न " जब आवे संतोष धन सब धन धूरि समान "|इतना कहकर वे हँस दिए | संतों जैसी निर्लिप्त हँसी | मैंने कहा यह भी खूब कही ।


कालेधन को श्यामधन भी कह सकते हैं ।पर शुद्ध हिंदी में यह ब्लैकमनी ही कहलाता है ।जिनके पास ब्लैकमनी होती है उनके चेहरे पर दिव्य मुस्कान रहती है ।एक प्रकार की आध्यत्मिक दिव्यता ।" आठों पहर मस्तान माता " लेकिन इस मुस्कान पर ग्रहण लगने की खबर है ।सर पर संकट का पहाड़ मंडरा रहा है ।द्वापर में संकट के समय भगवान ने गोवर्धन उठाकर जनमानस को इंद्र के प्रकोप से बचा लिया था ।ब्लैकमनी वाले आज ऐसे ही गोवर्धन की तलाश में हैं । सितम्बर सामने है और मन की तिजोरी का ताला कंपकपाने लगा है।
लेकिन मेरे पापी मन में एक विचार बार बार खटक रहा है कि सरकार ने कालेधन वालों को सितम्बर तक की मोहलत भी क्यों दी ।इस नेक काम में इतनी देरी क्यों ।मैंने फिर , रामधन जी से ही पूछा ।मैंने कहा यार सरकार लेटलतीफी क्यों कर रही है ।तुरत दान महा काल्याण वाला फार्मूला क्यों नहीं अपनाती ।वे बोले भैया कालेधन वाले हमारे जैसे टटपूंजीये नहीं होते कि चाहे जब चप्पल चटकाते हुए पोटली लेकर इनकमटैक्स ऑफिस पहुँच जाएँ कि लो भैया ये रहा कालाधन कर लो जो करना है । ऐसा थोड़े ही होगा ।कालाधन उजागर करने का भी विधि विधान है भाईसाब ।समय लगता है उसमे ।पंडित जी को पूछकर दिशा मुहूर्त भी निकालना पड़ सकता है ।कि किस दिशा और किस मुहूर्त में इस ब्लैक मनी को उजागर किया जाये |जब कालेधन को इकट्ठा करने का शास्त्रों में विधान है तो उजागर करने का भी होगा ।यहाँ हर कोई विजय माल्या थोडे है कि उठे और प्लेन पकड़कर निकल लिए ।इतना कहकर रामधन जी खड़ताल बजाकर गाने लगे " पायो जी मैंने रामरतन धन पायो " मैंने कहा ये रामरतनधन क्या है ।वे बोले इसके लिए मीराबाई की तरह घर बार छोड़ना पड़ता है।मैंने सोचा इस देश में कितनी तरह के धन धान्य हैं ।तभी तो इस देश को सोने की चिड़िया कहा जाता है ।

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